Thursday, September 30, 2010

उस वक़्त तेरी याद आई है ....

फिजा  ने  जब  कोई  खुशबू  बखेरी  है ,
हवा  जब  मस्त  हो  कर  गुनगुनाई  है ,
मुझे  उस  वक़्त  तेरी  याद  आई  है .

चमन  को  जब  बहारों  ने  सजाया  है ,
किसी  गुल  ने  जब  हज़ारों  को  लजाया  है ,
कली जब  फूल  बन  कर  मुस्कराई है ,
मुझे  उस  वक़्त  तेरी  याद  आई  है .

थामा  जब  किसी  ने  रेशमी  आँचल ,
गुलाबी  जब  हुए  रुखसार  के  बादल ,
किसी  ने  जब  हया  से  नज़र  जुकाई  है ,
मुझे  उस  वक़्त  तेरी  याद  आई   है .

तेरी  याद ,तेरी  याद  और  सिर्फ  तेरी  याद , 
हमेशा   दिल  के  पास  रहती  है   तेरी  याद ,
जब  भी  खुदा  से  की है  कोई  फ़रियाद ,
मुझे  उस  वक़्त  तेरी  याद  आई  है .

2 comments:

  1. thanxx for the comment..but can u plz write ur identity and ur suggestions too....it wud encourage me to write better..

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