Friday, October 8, 2010

जब इश्क तुम्हे हो जाएगा...























मेरे जैसे बन जाओगे , जब इश्क तुम्हे हो जाएगा...


दीवारों से टकराओगे , जब इश्क तुम्ह हो जाएगा..


हर बात गंवारा कर लोगे , मन्नत भी उतारा  कर लोगे...


ताबीज़ भी बंध्वाओगे , जब इश्क तुम्हे हो जायेगा..


तन्हाई के झूले झूलेंगे , हर बात पुरानी भूलेंगे..


आईने से शरमाओगे , जब इश्क तुम्हे हो जायेगा...


जब सूरज भी खो जायेगा , और चाँद कहीं सो जायेगा.


तुम भी घर देर से जाओगे , जब इश्क तुम्हे हो जायेगा..


बेचैनी भी बढ़ जाएगी , और याद किसी की आयेगी..


तुम मेरी गजलें गाओगे , जब इश्क तुम्हे हो जाएगा..