Sunday, October 24, 2010

तेरा एहसास...

तेरे साथ होने का एहसास सिर्फ तेरी आवाज़ से हुआ..
तू तो मिला ही नहीं है मुझसे..
 फिर तू कैसे मेरा इतना अपना सा  हुआ...


तेरी एक आहट से बन जाता है दिन मेरा...
ना जाने कैसे तू मेरे जीने का मकसद हुआ.. 


सबने कहा की तू नहीं है मेरा...
पर क्यों  मेरे दिल को आज भी ये गंवारा ना  हुआ...


तेरी आवाज़ की एक आहट से ही खिल उठती है ज़िन्दगी  मेरी...
ना जाने कितनी गहराई से तू मेरी ज़िन्दगी में शामिल हुआ...


तेरे साथ के बिना एक पल भी कटता नहीं है अब..
इतना प्यार ना जाने मुझे तुझसे कैसे हुआ...


लोग कहते है प्यार ऐसे हो ही नहीं सकता...
पर वो जानते नहीं की मेरा  दिल तेरे प्यार से ही आज आबाद हुआ..


चाहे कोई माने या ना माने मेरी इस मोहब्बत को...
पर तेरा प्यार मेरे लिए इबादत हुआ...


मेरा साथ छोड़ के जाना ना कभी...
 क्यूंकि...
तुझे ये मलाल ना रह जाये की किसी को तुझसे दुबारा इतना प्यार ही ना हुआ...


!! हनी!!