Tuesday, February 22, 2011

आके मिल जा!!!

चंद कलियों के मुस्कुराने से ...
ज़ख्म जागे कई पुराने से..
दो कदम मै तो चल नहीं सकता.. 
तू ही आके मिल जा किसी बहाने से...

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