Friday, September 24, 2010

सजा













तुम्हारी नफरत का कारण समझ नहीं आता... 

जो कहता था की मै सबसे अज़ीज़ और सबसे अलग हूँ..

 वो ही आज मुझसे सबसे ज्यादा नफरत करता है...


जिसकी बातों में हमेशा मेरे लिए प्यार था आज वो ही मुझे सुनना तक नहीं चाहiता...


क्या कोई ही गलती 
किसी के प्यार से बढ़कर हो सकती है..


क्या कोई भी सजा किसी को हमेशा के लिए खो देना हो सकती है है....


अगर हाँ तो हर सजा मुझे मंज़ूर है...

लेकिन शायद ऐसा हुआ तो मेरा प्यार पर से हमेशा के लिए विश्वास उठ जायेगा...


और मेरा प्यार हमेशा के लिए कहीं खो जायेगा.....

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