उनसे मिल आया मैं
खुशियों को जी आया मैं
उनके यादों को संजोढ़ लाया मैं
सपने कितने सजा लाया मैं
उनके आँखों में चेहरा अपना देख आया मैं
उन्हें देखते ही जो ख़ुशी के आंसूं निकले
उन सब अश्कों की दावा ले आया मैं
उनके चेहरे से नज़र हटती तो आखिर कैसे
अपनी साँसों में उनकी तस्वीर ले आया मैं
उनसे मिल आया मै
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