जानती हूँ थक गए हो , उम्र के लम्बे सफ़र से , सांप से डसते शहर से , आस से और आंसुओं से , भीड़ के गहरे भंवर से . वक़्त फिरता है सुनो , इतना डरो ना . अब तो कुछ कहो ना .. अगर अब भी ना कहा कुछ तो , ये प्यारा सा रिश्ता टूट जायेगा. हमारा साथ छूट जायेगा... ये मासूम सा दिल टूट जायेगा.. ये प्यार नसीब से मिलता है सुनो.. इतना डरो ना.. अब तो कुछ कहो ना.. |
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